अबू सईद ख़ुदरी- रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल- सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "जब तुम में से कोई सुतरा सामने रखकर नमाज़ पढ़े और कोई उसके सामने से गुज़रना चाहे, तो उसे रोके। अगर वह न रुके, तो उससे लड़ाई करे, इसलिए कि वह शैतान है।
"عن أبي رافع -رضي الله عنه- مرفوعاً: «من غسَّل ميتاً فكتم عليه، غفر الله له أربعين مرة». [صحيح.] - [رواه الحاكم والبيهقي والطبراني.]"