अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- से रिवायत है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमायाः वे तुम्हें नमाज़ पढ़ाएँगे; अब यदि सही-सही पढ़ाएँगे तो तुम्हारे लिए होगी और यदि ग़लती करेंगे तो तुम्हारे लिए सही और उनके विरुद्ध होगी।
«الدين النصيحة» قلنا: لمن؟ قال: «لله، ولكتابه، ولرسوله، ولأئمة المسلمين وعامتهم». رواه مسلم