अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अनहु) से मरफ़ूअन रिवायत है: जो किसी दूसरे की पत्नी या दासी को धोका दे या बिगाड़े, वह हममें से नहीं है।
"من خَبَّبَ زوجة امْرِئٍ أو مَمْلُوكَهُ فليس مِنَّا». [صحيح.] - [رواه أبو داود.]"