अबू कतादा और अनस बिन मालिक- रज़ियल्लाहु अन्हुमा- से रिवायत है कि अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः मैं लंबी नमाज़ पढ़ने के इरादे से खड़ा होता हूँ, लेकिन किसी बच्चे के रोने की आवाज़ सुनकर इस डर से अपनी नमाज़ हल्की कर देता हूँ कि कहीं उसकी माँ को तकलीफ़ में न डाल दूँ।
"عن أبي قتادة وأنس بن مالك -رضي الله عنهما- مرفوعاً: «إني لأقوم إلى الصلاة، وأريد أن أُطَوِّلَ فيها، فأسمع بكاء الصبي فأَتَجَوَّزُ في صلاتي كراهيةَ أن أَشُقَّ على أمه». (البخاري)