अबू मूसा (रज़ियल्लाहु अनहु) से मरफ़ूअन रिवायत है: जो भी मरता है और उसपर रोने वाला कहता है: हे पहाड़! हे सरदार! अथवा इस प्रकार की दूसरी बातें कहता है, तो दो फ़रिश्ते उसपर लगा दिए जाते हैं, जो उसके सीने पर हाथ मार कर कहते हैं: क्या तू ऐसा ही था?
"عن أبي موسى -رضي الله عنه- مرفوعاً: «ما من ميِّت يموت فيقوم باكِيهم فيقول: واجَبَلَاه، واسَيِّدَاه، أو نحو ذلك إلا وُكِّلَ به مَلَكَان يَلْهَزَانِه: أهكذا كُنت؟». [حسن.] - [رواه الترمذي.]"