अबू हुरैरा -रज़ियल्लाहु अन्हु- से मरफ़ूअन वर्णित है : "जो जिहाद किए बिना अथवा जिहाद के इरादे के बिना ही मर गया, वह मुनाफ़िक़ ही अवस्था में मरा।
"عن أبي هريرة -رضي الله عنه- مرفوعاً: «من مات ولم يَغْزُ، ولم يُحدث نفسه بالغزو، مات على شُعْبَةٍ من نِفَاقٍ» [صحيح] - [رواه مسلم.]"