अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः जिसने किसी अभावग्रस्त व्यक्ति को मोहलत दी या उसे माफ़ कर दिया, उसे अल्लाह तआला क़यामत के दिन अपने अर्श की छाया के नीचे जगह देगा, जिस दिन उसकी छाया के सिवा कोई छाया नहीं होगी।
"«مَنْ أَنْظَرَ مُعْسِرا، أو وضع له، أظَلَّهُ الله يوم القيامة تحت ظِل عرشه يوم لا ظِلَّ إلا ظِلُّه». [صحيح.] - [رواه الترمذي والدارمي وأحمد."