अबू हुरैरा- रज़ियल्लाहु अन्हु- कहते हैं कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः अल्लाह तुम्हारे शरीर और तुम्हारे रूप को नहीं देखता, बल्कि तुम्हारे दिलों और कर्मों को देखता है।
"«إنَّ الله لا ينْظُرُ إِلى أجْسَامِكُمْ، ولا إِلى صُوَرِكمْ، وَلَكن ينْظُرُ إلى قُلُوبِكمْ وأعمالكم». [رواه مسلم.]"