अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से रिवायत करते हुए कहते हैंः “हया ईमान का एक अंश है।
"«الْحَيَاء مِنْ الْإِيمَانِ». [البخاري.]"