समुरा बिन जुंदुब (रज़ियल्लाहु अन्हु) से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः “अल्लाह के समक्ष प्रियतम वाक्य चार हैं और इनमें से जिसे चाहो पहले पढ़ो, हानि की कोई बात नहीं हैः सुबहान अल्लाह (अल्लाह पाक है), अल-हम्दुलिल्लाह (समस्त प्रकार की प्रशंसा अल्लाह ही के लिए है), ला इलाहा इल्लल्लाह (अल्लाह के सिवा कोई सच्चा पूज्य नहीं है) और अल्लाहु अकबर (अल्लाह सबसे बड़ा है)।
«أحب الكلام إلى الله أربع لا يَضُرُّك بِأَيِّهِنَّ بدأت: سُبْحَانَ الله، والحمد لله، ولا إله إلا الله، والله أكبر». [صحيح.] - [رواه مسلم.]