मुआज़ बिन अनस (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "जिसने खाना खाने के बाद यह दुआ पढ़ीः 'الحمدُ للهِ الذي أَطْعَمَنِي هَذَا، وَرَزَقْنِيهِ مِنْ غَيرِ حَوْلٍ مِنِّي وَلَا قُوَّةٍ' (अर्थात सारी प्रशंसा अल्लाह की है, जिसने मुझे यह खाना खिलाया तथा यह रोज़ी दी, जबकि इसमें मेरी शक्ति तथा सामर्थ्य का कोई दख़ल नहीं है) उसके पिछले सारे गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं।
البَخِيلُ مَنْ ذُكِرْتُ عِنْدَهُ، فَلَمْ يصَلِّ عَلَيَّ رواه الترمذي وأحمد والنسائي