अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अंहुमा- का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमायाः "अल्लाह ने सत्य को उमर की ज़ुबान और दिल में रख दिया है।" अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अन्हुमा -कहते हैंः जब भी लोगों के सामने कोई मामला आता और लोग उसके बारे में राय देते तथा उमर -रज़ियल्लाहु अन्हु- भी राय देते, तो उस मामले में उमर -रज़ियल्लाहु अंहु- की राय के अनुरूप ही क़ुरआन उतरता।
«لن يدخلَ النارَ رجلٌ شَهِد بدرًا والحُدَيْبِيَة». [أحمد]