मैंने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को कहते हुए सुना हैः सबसे बड़ी भलाइयों में से एक यह है कि आदमी अपने पिता की मृत्यु के बाद उसके दोस्तों के साथ अच्छा व्यवहार करे। तथा इसका पिता उमर- रज़ियल्लाहु अन्हु- का दोस्त था।
«ما من عبد يشهد أن لا إله إلا الله، وأَنَّ محمدا عبده ورسوله صِدْقًا من قلبه إلَّا حرمه الله على النار» [متفق عليه]