Published on: Wednesday August, 4th 2021

ऐ अल्लाह! जो व्यक्ति मेरी उम्मत के किसी मामले का ज़िम्मदार बने और उन्हें कठिनाई में डाले, तू भी उसे कठिनाई में डाल तथा जो व्यक्ति मेरी उम्मत के किसी मामले का ज़िम्मेदार बने और उनके साथ नर्मी करे, तू भी उसके साथ नर्मी कर।

"يُصَلُّونَ لكم، فإن أصابوا فلكم، وإن أخطأوا فلكم وعليهم". رواه البخاري

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