जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है तो उससे जो कुछ खाया जाएगा वह उसके लिए सद्क़ा होगा, जो कुछ चुराया जाएगा वह उसके लिए सदक़ा होगा और जो कुछ किसी के द्वारा लिया जाएगा वह भी उसके लिए सदक़ा होगा। तथा एक अनय रिवायत में है कि जो मुसलमान कोई पेड़ लगाता है और उससे कोई इंसान, चौपाया और पक्षी कुछ खाता है तो वह उसके लिए सद्क़ा होता है।
«إذا قَام أحَدُكُم من الليل، فَاسْتَعْجَمَ القرآن على لِسَانه، فلم يَدْرِ ما يقول، فَلْيَضْطَجِع» رواه مسلم