अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है, वह नबी -सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम- से वर्णन करते हैं कि आपने फ़रमाया : “जब तुममें से किसी का सेवक उसके सामने भोजन परोसे, तो अगर उसे अपने साथ न बिठा सके, तो उसे एक-दो लुक़मा या एक-दो निवाला ज़रूर दे, क्योंकि उसने उसे तैयार करने का काम किया है।
"«إذا أتى أحدَكم خادمُه بطعامِه، فإنْ لم يُجلِسْه معه، فلْيُناوِلْهُ لُقمةً أو لُقْمَتَيْنِ أو أُكْلَة أو أُكْلَتَين، فإنه وَلِيَ عِلاجَه». [صحيح.] - [متفق عليه.]"