अल्लाह से आज़माइश की कठिनाई, दुर्भाग्य का शिकार होने, तक़दीर के अप्रिय निर्णय और कठिनाई में देखकर शत्रुओं के खुश होने से अल्लाह की शरण माँगा करो। एक रिवायत में है कि सुफ़यान कहते हैंः मुझे इस बात में संदेह है कि मैंने इनमें से कोई एक बात अधिक बयान की है।
"عن أبي هريرة-رضي الله عنه- مرفوعاً: «تعوذوا بالله من جَهْدِ البلاء، وَدَرَكِ الشقاء، وسوء القضاء، وشماتة الأعداء». وفي رواية قال سفيان: أشك أني زدت واحدة منها. [صحيح.] - [متفق عليه.]"